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Wednesday, November 24, 2010
कभी बेखयाली में यूं ही...
कभी
बेखयाली
में
यूं
ही...
तुम्हें
सोचा
था
कुछ
यूं
होगा
यह
न
सोचा
था
तुम
दिल
में
समाते
गए
और
मेरी
दुनिया
बदल
गयी
सब
में
शामिल
होकर
भी
मैं
सब
से
जुदा
हो
गयी
.
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