इसमें कोई शंका नहीं है कि महाभारत एक महान गाथा है। महाभारत में सैकड़ो कहानियाँ निहित हैं। कई कहानियों से हम सब भली भांति परिचित है मगर कुछ कहानियां ऐसी भी हैं जिसके बारे में हमें उतनी जानकारी नहीं है शायद।
एक नया उपन्यास "स्वयंवर" (डायमंड बुक्स द्वारा प्रकाशित) जो नीलाभ वर्मा की पहली पुस्तक है, महाभारत के अति महत्वपूर्ण पात्र भीष्म और अम्बा के संबंधों पर आधारित है।
इतिहास के अनुसार भीष्म ने अपने भाई विचित्रवीर्य के लिए अम्बा का उसी के स्वयंवर से हरण कर लिया। परन्तु ये जानने के पश्चात् कि अम्बा शाल्व से प्रेम करती है, भीष्म ने उसे ससम्मान उसके प्रेमी के पास पहुंचा दिया मगर शाल्व ने अम्बा को अपनाने से इनकार कर दिया। दुखी हो वापस लौटकर अम्बा ने भीष्म से विवाह करने का हठ किया किन्तु ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा लेनेवाले भीष्म के लिए यह असंभव था।
अम्बा का क्रोध शाल्व की बजाय भीष्म पर निकला और अपनी अवस्था का भीष्म को ज़िम्मेदार मानते हुए अम्बा ने भीष्म के सर्वनाश की शपथ ली। कहा जाता है की महाभारत के केंद्र में एक स्त्री ही थी। माना जाता है कि वो द्रौपदी थी मगर शायद इसकी नींव पहले ही रखी जा चुकी थी और शायद वो अम्बा ही थी।
नीलाभ वर्मा का धार्मिक प्रसंगों का ज्ञान अद्भुत है।यद्यपि स्वयंवर इनकी पहली पुस्तक है, उनकी लेखन शैली काफी मंझी हुई लगती है।मेरे ख्याल से भीष्म महाभारत के सबसे प्रभावशाली पात्र है और ये मेरे इस पुस्तक की ओर आकर्षित होने की एक वज़ह है। स्वयंवर की कहानी पौराणिक कथा पर आधारित होने के बावजूद मुझे थोड़ी अलग लगी। इस किताब के संवाद अच्छे और स्वाभाविक है। मेरा विश्वास है की अगर आप धार्मिक कहानियों को पसंद करते है तो आपको ये किताब निश्चिततौर पर पसंद आएगी।
Overall, if you like mythological fiction and you can read Hindi, then Swayamvar could be an interesting and different read. A nicely written novel indeed! Go grab it!:)
कहा जाता है की महाभारत के केंद्र में एक स्त्री ही थी। माना जाता है कि वो द्रौपदी थी
ReplyDeleteयह सही है ...रामायण की अपेक्षा महाभारत मुझे इसीलिए अच्छा लगता है कि ,सीता ने हर अन्याय को
सहर्ष स्वीकार किया लेकिन महाभारत में द्रौपदी ने आवाज उठाई ....!
आभार ..स्वयंवर पुस्तक पढ़ना चाहूंगी !
सुमन जी,
ReplyDeleteसुखद अनुभव है कि आप मेरा उपन्यास "स्वयंवर" पढ़ना चाहती हैं. बस आपसे इतना हीं कहना चाहूँगा कि अगर आप इस पुस्तक को पसंद करें तो अन्य लोगों को इसके बारे में बताएँ. पाठकों द्वारा प्राप्त समीक्षा हीं इस पुस्तक का असली विज्ञापन होगा.
नीलाभ वर्मा
@ सुमनजी, महाभारत निश्चित तौर पर दिलचस्प है।
ReplyDeleteइस उपन्यास के बारे में आपके विचार जानना चाहूंगी।
धन्यवाद :)
Tarang can you please provide translation of this post in English. I donno meanings of few hindi words :/
ReplyDeleteGood to see you back after long time :)
Hi Valli!
ReplyDeleteThis book is based on the two characters of The Mahabharata: Bheeshm and Amba.
It is said that there was a woman in the centre of Mahabharata. People say it was Draupadi but some people think it was Amba. Bheesma kidnapped Amba from her swayamwar, for his brother Vichitravirya. Knowing that Amba loves a king Shalve, Bheesma respectably sent Amba back to Shalve but he refused to accept Amba. Amba returned back and wanted to marry Bheeshma but due to the oath of brahmacharya, Bheeshma refused. Amba got furious and vowed to destroy Bheeshma.
This book is author’s first book but his writing style is very neat and crisp. Dialogues of this story are very natural and good. We all know about Mahabharata but this story extracted from that epic is different. I found it nice as Bheeshma is one of my favourite characters from Mahabharata. If anyone likes Hindi mythological novel, this could be an engrossing read.
Thanks!:)
Never knew about Amba...Thanks for the review and translation :)
ReplyDelete:)
ReplyDeleteNow a days human values diminish day by day.Such steps are appreciable.
ReplyDelete@ मदन मोहन जी,
ReplyDeleteसुंदर पंक्तियाँ
बहुत बहुत धन्यवाद और शुभकामनाएं :)
@ Rudraprayaga: :) Thanks. It's a nice book:)
I think the relationship between Amba and Bhishma is the most searched topic. I have tried to show their relationship in my own way. I hope you all will like it.
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