मधुर स्मृतियाँ...
जैसे ठंडी हवा का झोंका
जो मन को सहलाए
पुलकित कर जाए
उदास लबों पर भी
एक मुस्कान छोड़ जाए
नम आँखों को भी
रौशन कर जाए
होते हैं कुछ दर्द भरे नगमें भी
जो हर्षित मन को भी
रुला जाए
पर, मन इन्हें क्यों गुनगुनाये
क्यों न भूलकर इन वेदनाओं को
आगे बढ़ता जाए
हो जाए हर्षोल्लसित
याद कर अपनी
मधुर स्मृतियाँ...
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