ऐ ज़िन्दगी,
मैं खफ़ा नहीं तेरी बेवफाई से
एक सवाल है मगर
दे देता मुझे खुशियाँ अगर
तो क्या होता?
एक खुशनुमां जहाँ मेरा भी होता
प्यार भरा आशियाँ मेरा भी होता
पर, दर्द दिए हैं तूने तो दर्द ही सही
तेरी इस इनायत से कोई शिकवा नहीं
दिल में जज़्ब कर लेंगे इस दर्द को
ताकि, मेरी खाख़ पर
ए ज़िन्दगी,
तुझे अफ़सोस न हो.
Lovely lines.. it sent shivers down my spine.... as I read it it gave me a feeling of deja vu
ReplyDelete:) Thank you!:)
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