My painting
चली आई है दबे पाँव,
इन मलंग लहरों के शोर के बीच
तुम्हारी याद की गूंज...
समंदर के नीले कैनवस पर
मचलती ये लहरें नहीं
बातें हैं तुम्हारी
जो तुमने कही थी मुझसे
बिना कुछ कहे...
This post is part of Blogchatter's Half Marathon
When it was Raining (flash fiction)
Beautiful painting and beautiful poem~
ReplyDeleteThank you so much! :)
DeleteBeautiful painting!
ReplyDeleteThanks a lot! :)
Deleteजो तुमने कही थी मुझसे
ReplyDeleteबिना कुछ कहे...
सुंदर शब्द और उतना ही सुंदर चित्र...
बहुत शुक्रिया। :)
DeleteWell painted, just a wave of thought or wave of water...memories come with just this movement.
ReplyDeleteThank you so much!☺️
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