चित्र: मेरी पेंटिंग
'मैंने तो नहीं कहा था कि चली जाओ?'
कुछ देर वो बस अपनी कॉफ़ी के कप को देखती रही, और मैं उसे। वैसे तो सुनहरी धूप सबकुछ सुंदर बना देती है, पर इसे कुछ ज़्यादा ही।
मैं अपनी धड़कन की रफ़्तार पर हैरान था। एक साल, तीन महीने की दूरी के बावजूद? उसने धीरे से अपनी नज़रें उठायी तो अचानक कैफ़े के काउंटर का डिज़ाइन मुझे बहुत दिलचस्प लगने लगा। क्या वो मुझे देख रही है? अगर हां, तो क्या सोच रही है? क्या वही, जो बस कुछ सेकेण्ड्स पहले मैं सोच रहा था?
'पर तुमने रोका भी तो नहीं।'
कैफ़े का काउंटर जैसे गायब हो गया। मेरी नज़रें उसपर टिक गयीं। वो मुझे ही देख रही थी। उसे इस कैफ़े की किसी और चीज़ में दिल्चस्पी नहीं थी। उसकी नज़रों में नाराज़गी थी, सवाल था और जवाब पाने की ज़िद।
लेकिन, क्या मेरे पास जवाब था? हां, था। पर मेरे अंदर खुद कई सवाल थे। कैसे जाने दिया मैंने इसे? और ये कैसे जा पायी? बस यूं ही? पलट कर भी नहीं देखा? मैं देखता रहा था, तब तक जबतक आंखों के आगे सब धुंधला नहीं हो गया।
इसकी नज़रें अब भी मुझपर ही थीं। ज़िद्दी।
'क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मुझे ये कहने की जरूरत थी।' मैंने कहा। 'क्योंकि अंदाज़ा नहीं था मुझे कि रह लोगी मेरे बग़ैर।'
जैसे जज़्बातों के बादल उमड़-घुमड़ पड़े हो उसकी गहरी आंखों में। और फिर बारिश। बस, ये नहीं देख सकता मैं। एक साल तीन महीने पहले की सिचुएशन होती तो मैं अभी गले लगा लेता। पर अब? क्या इजाज़त है मुझे अब भी?
मैं झटके से उठा और वो भी, उतनी ही तेजी से। और बस एक पल बाद ऐसा लगा मानो एक सर्द सी सुबह में, सुनहरी, नर्म धूप की तपिश मेरे अंदर समा गयी हो।
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Bahut jyada khub !! Mujhe bahut hi achi lagi ye romanchak kahani ! loved it, Tarang!
ReplyDeleteThank you so much, Chinmayee for reading and for this lovely comment. Glad you like it. 💛
Deleteसुंदर लघु-कथा...
ReplyDeleteधन्यवाद!
DeleteSo tender, so beautiful.
ReplyDelete-Sonia
Thank you so much, Sonia!:)
DeleteSweet, warm and so endearing. Lovely piece of writing Tarang.
ReplyDeleteThank you so much, Tulika! 😊
DeleteSuch a sweet love story Tarang! beautiful
ReplyDeleteThank you so much, Harshita. I'm so glad you like it. :)
DeleteBeautiful! One of these days, I am going to sit down and read all of your Hindi writings. They are such a treat.
ReplyDeleteThank you so much, Ritu, for this lovely comment! Means a lot. :)
DeleteThat's great imagery. I was transported to a café setup while reading this.
ReplyDeleteThank you for reading. Glad you liked it. 😊
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